फोटो खिंचवालो कुछ होने वाला नहीं है
एक साथ फोटो खिंचवाने का मतलब एकता नहीं होता है मन तो एक दूसरे को कोस रहे होते हैं ,मन में एक दूसरे को ये राजनीति के पण्डे गाली दे रहे होते हैं जिनका एक मात्र कर्म फोटो खिंचवाना है। जबकि फोटो किसी कार्यक्रम का काम का नाम नहीं है। राज्यों के चुनाव में ये एक दूसरे पर बेहद की दुष्टता पूर्ण छींटाकशी करते हैं। मंच पर एकता।
माना के मन तो इनमें से हरेक के पास है लेकिन दिमाग या बुद्धि भी इनकी खोपड़ी में हो ये ज़रूरी नहीं है। काश विज्ञान इत्ती तरक्की कर लेता ,बुद्धि का चित्र भी कैमरा उतार पाता।
हद तो यह है मानसिक रूप से बीमार ये पण्डे अपने को ग्यानी भी मानते हैं चालें चलते हैं और पकड़े जाते हैं बुध्दि इतनी कि कुम्भाराम को कुम्भकरण बना देते हैं। साठ - सत्तर बरस इन्होने ने राज्य किया लेकिन मन की बात न कह सके। कहते भी कैसे मोदी सा मन होता तो मन की बात करते।
मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति जब चालें चलता है तब खुद अपने पर भी शक करता है। विपक्ष ने एक तरफ चुनाव बाद हुए पोल सर्वेक्षण में भारी रकम देकर खुद को विजयी घोषत करवाया है दूसरी तरफ एवीएम मशीनों को भी निशाने पे लिया हुआ है यानी हारे तो हार का ठीकरा चुनावी मशीनों के मथ्थे मढ़ देंगे।
एक साथ फोटो खिंचवाने का मतलब एकता नहीं होता है मन तो एक दूसरे को कोस रहे होते हैं ,मन में एक दूसरे को ये राजनीति के पण्डे गाली दे रहे होते हैं जिनका एक मात्र कर्म फोटो खिंचवाना है। जबकि फोटो किसी कार्यक्रम का काम का नाम नहीं है। राज्यों के चुनाव में ये एक दूसरे पर बेहद की दुष्टता पूर्ण छींटाकशी करते हैं। मंच पर एकता।
माना के मन तो इनमें से हरेक के पास है लेकिन दिमाग या बुद्धि भी इनकी खोपड़ी में हो ये ज़रूरी नहीं है। काश विज्ञान इत्ती तरक्की कर लेता ,बुद्धि का चित्र भी कैमरा उतार पाता।
हद तो यह है मानसिक रूप से बीमार ये पण्डे अपने को ग्यानी भी मानते हैं चालें चलते हैं और पकड़े जाते हैं बुध्दि इतनी कि कुम्भाराम को कुम्भकरण बना देते हैं। साठ - सत्तर बरस इन्होने ने राज्य किया लेकिन मन की बात न कह सके। कहते भी कैसे मोदी सा मन होता तो मन की बात करते।
मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति जब चालें चलता है तब खुद अपने पर भी शक करता है। विपक्ष ने एक तरफ चुनाव बाद हुए पोल सर्वेक्षण में भारी रकम देकर खुद को विजयी घोषत करवाया है दूसरी तरफ एवीएम मशीनों को भी निशाने पे लिया हुआ है यानी हारे तो हार का ठीकरा चुनावी मशीनों के मथ्थे मढ़ देंगे।
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